Tuesday, August 31, 2010

एक दीया

अब से रात हर जगमगायेगी
क्यूंकि मेरे आँगन का दीया है अब चमकता सितारा
मै दुनिया के लिए खुश हूँ नहीं
मै दुनिया के लिए खुश हूँ नहीं
उसे तो मिल जायेंगे तारे अनेक
लेकिन मेरे दीये की थी जो गर्मी
उसे तो अब ले कोई ना पायेगा
अब से रात हर कटेगी मुश्किल
क्यूंकि मेरे आँगन का दीया है अब चमकता सितारा

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